Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
157
PageNo
103
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
4_157.png
AyatText
وَقَوْلِهِمْ إِنَّا قَتَلْنَا ٱلْمَسِيحَ عِيسَى ٱبْنَ مَرْيَمَ رَسُولَ ٱللَّهِ وَمَا قَتَلُوهُ وَمَا صَلَبُوهُ وَلَـٰكِن شُبِّهَ لَهُمْ ۚ وَإِنَّ ٱلَّذِينَ ٱخْتَلَفُوا۟ فِيهِ لَفِى شَكٍّۢ مِّنْهُ ۚ مَا لَهُم بِهِۦ مِنْ عِلْمٍ إِلَّا ٱتِّبَاعَ ٱلظَّنِّ ۚ وَمَا قَتَلُوهُ يَقِينًۢا
AyatMeaning
और उनके यह कहने की वजह से कि हमने मरियम के बेटे ईसा (स.) ख़ुदा के रसूल को क़त्ल कर डाला हालॉकि न तो उन लोगों ने उसे क़त्ल ही किया न सूली ही दी उनके लिए (एक दूसरा शख्स ईसा) से मुशाबेह कर दिया गया और जो लोग इस बारे में इख्तेलाफ़ करते हैं यक़ीनन वह लोग (उसके हालत) की तरफ़ से धोखे में (आ पड़े) हैं उनको उस (वाक़िये) की ख़बर ही नहीं मगर फ़क्त अटकल के पीछे (पड़े) हैं और ईसा को उन लोगों ने यक़ीनन क़त्ल नहीं किया
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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