Details
Tbl_QuraanAyaat
- SuraArabic
- AyatNo
- 77
- PageNo
- 90
- SegmentNo
- 4
- AyatImagePath
- AyatAudioPath
- 4_77.png
- AyatText
- أَلَمْ تَرَ إِلَى ٱلَّذِينَ قِيلَ لَهُمْ كُفُّوٓا۟ أَيْدِيَكُمْ وَأَقِيمُوا۟ ٱلصَّلَوٰةَ وَءَاتُوا۟ ٱلزَّكَوٰةَ فَلَمَّا كُتِبَ عَلَيْهِمُ ٱلْقِتَالُ إِذَا فَرِيقٌۭ مِّنْهُمْ يَخْشَوْنَ ٱلنَّاسَ كَخَشْيَةِ ٱللَّهِ أَوْ أَشَدَّ خَشْيَةًۭ ۚ وَقَالُوا۟ رَبَّنَا لِمَ كَتَبْتَ عَلَيْنَا ٱلْقِتَالَ لَوْلَآ أَخَّرْتَنَآ إِلَىٰٓ أَجَلٍۢ قَرِيبٍۢ ۗ قُلْ مَتَـٰعُ ٱلدُّنْيَا قَلِيلٌۭ وَٱلْـَٔاخِرَةُ خَيْرٌۭ لِّمَنِ ٱتَّقَىٰ وَلَا تُظْلَمُونَ فَتِيلًا
- AyatMeaning
- (ऐ रसूल) क्या तुमने उन लोगों (के हाल) पर नज़र नहीं की जिनको (जेहाद की आरज़ू थी) और उनको हुक्म दिया गया था कि (अभी) अपने हाथ रोके रहो और पाबन्दी से नमाज़ पढ़ो और ज़कात दिए जाओ मगर जब जिहाद (उनपर वाजिब किया गया तो) उनमें से कुछ लोग (बोदेपन में) लोगों से इस तरह डरने लगे जैसे कोई ख़ुदा से डरे बल्कि उससे कहीं ज्यादा और (घबराकर) कहने लगे ख़ुदाया तूने हमपर जेहाद क्यों वाजिब कर दिया हमको कुछ दिनों की और मोहलत क्यों न दी (ऐ रसूल) उनसे कह दो कि दुनिया की आसाइश बहुत थोड़ा सा है और जो (ख़ुदा से) डरता है उसकी आख़ेरत उससे कहीं बेहतर है
- Vocabulary
- AyatSummary
- Conclusions
- AyatPurpose
- AyatSimilar
- HadeethContext
- LangCode
- hi