Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
158
PageNo
24
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
2_158.png
AyatText
۞ إِنَّ ٱلصَّفَا وَٱلْمَرْوَةَ مِن شَعَآئِرِ ٱللَّهِ ۖ فَمَنْ حَجَّ ٱلْبَيْتَ أَوِ ٱعْتَمَرَ فَلَا جُنَاحَ عَلَيْهِ أَن يَطَّوَّفَ بِهِمَا ۚ وَمَن تَطَوَّعَ خَيْرًۭا فَإِنَّ ٱللَّهَ شَاكِرٌ عَلِيمٌ
AyatMeaning
बेशक (कोहे) सफ़ा और (कोह) मरवा ख़ुदा की निशानियों में से हैं पस जो शख्स ख़ानए काबा का हज या उमरा करे उस पर उन दोनो के (दरमियान) तवाफ़ (आमद ओ रफ्त) करने में कुछ गुनाह नहीं (बल्कि सवाब है) और जो शख्स खुश खुश नेक काम करे तो फिर ख़ुदा भी क़दरदाँ (और) वाक़िफ़कार है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

Edit | Back to List