Details

Tbl_QuraanAyaat


SuraArabic
AyatNo
114
PageNo
18
SegmentNo
4
AyatImagePath
AyatAudioPath
2_114.png
AyatText
وَمَنْ أَظْلَمُ مِمَّن مَّنَعَ مَسَـٰجِدَ ٱللَّهِ أَن يُذْكَرَ فِيهَا ٱسْمُهُۥ وَسَعَىٰ فِى خَرَابِهَآ ۚ أُو۟لَـٰٓئِكَ مَا كَانَ لَهُمْ أَن يَدْخُلُوهَآ إِلَّا خَآئِفِينَ ۚ لَهُمْ فِى ٱلدُّنْيَا خِزْىٌۭ وَلَهُمْ فِى ٱلْـَٔاخِرَةِ عَذَابٌ عَظِيمٌۭ
AyatMeaning
और उससे बढ़कर ज़ालिम कौन होगा जो खुदा की मसजिदों में उसका नाम लिए जाने से (लोगों को) रोके और उनकी बरबादी के दर पे हो, ऐसों ही को उसमें जाना मुनासिब नहीं मगर सहमे हुए ऐसे ही लोगों के लिए दुनिया में रूसवाई है और ऐसे ही लोगों के लिए आख़ेरत में बड़ा भारी अज़ाब है
Vocabulary
AyatSummary
Conclusions
AyatPurpose
AyatSimilar
HadeethContext
LangCode
hi

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